अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कार्तिक मास की प्रसिद्ध चौदह कोसी परिक्रमा की शुरुआत हुई है। इस दौरान आस्था का सैलाब रामनगरी में उमड़ता दिख रहा है। चौदह कोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। इसी क्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे छोटे कद की महिला के रूप में दर्ज महाराष्ट्र के नागपुर की 32 वर्षीय ज्योति किशन आमगे शुक्रवार को राम नगरी अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने अपने परिजनों के साथ राम मंदिर पहुंच कर रामलला के दर्शन किए। भगवान श्रीराम से देश और समाज की खुशहाली की प्रार्थना की। कोसी परिक्रमा मेले में आकर ज्योति काफी खुश दिखाई दे रही थीं।   
   
रामलला के दर्शन से हुईं भावुकराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचने पर ज्योति आमगे ने अपने सहयोगी भोला राम की मदद से रामलला के बाल स्वरूप का दर्शन किया। दर्शन के बाद भावुक होकर उन्होंने कहा कि रामलला के बाल स्वरूप को देखकर मन अभिभूत हो गया। ऐसा लगा जैसे जीवन का सबसे पवित्र क्षण मिल गया। अयोध्या का माहौल बहुत अच्छा है और 14 कोसी परिक्रमा मेले में अद्भुत अनुभव हुआ।
     
ज्योति आमगे ने आगे कहा कि भगवान श्रीराम ने जिस तरह सत्य और धर्म की रक्षा की, उसी तरह वे सबकी रक्षा करें। मैं जल्द ही फिर रामलला के दरबार में आऊंगी। मैं प्रार्थना करती हूं कि भगवान श्रीराम सब पर कृपा करें और सबकी सुरक्षा करें। सभी को मेरी ओर से ‘जय श्रीराम’।
     
सहयोगी की गोद में किया दर्शनज्योति को चलने में थोड़ी कठिनाई होती है। इसलिए उनके सहयोगी मैनेजर भोला राम ने उन्हें गोद में उठाकर मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचाया।
उनके साथ उनके माता-पिता, भाई, बहन और जीजा भी मौजूद थे। मंदिर परिसर में उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की।
   
मंदिर व्यवस्था से जुड़े डॉ. चंद्र गोपाल पांडेय ने बताया कि ज्योति एकोंड्रॉप्लासिया (Achondroplasia) नामक दुर्लभ हड्डियों की बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनकी लंबाई बढ़ नहीं पाई। उनकी लंबाई 62.8 सेंटीमीटर (2 फीट 7 इंच) और वजन मात्र 5.5 किलो है।
   
डॉ. पांडेय ने कहा कि ज्योति की शारीरिक स्थिति भले ही अलग हो, लेकिन उनके आत्मविश्वास और आस्था के आगे सब नतमस्तक हैं। उन्होंने कभी अपनी बीमारी को कमजोरी नहीं बनने दिया।
   
कौन हैं ज्योति आमगे?नागपुर निवासी ज्योति किशन आमगे का जन्म 16 दिसंबर 1993 को हुआ था। उनके पिता किशन आमगे और मां रंजना आमगे हैं। स्कूल के दिनों में उनकी कुर्सी, टेबल, यूनिफॉर्म और बर्तन विशेष रूप से उनके आकार के अनुसार बनवाए गए थे। ज्योति ने 18वें जन्मदिन पर अमेरिका की ब्रिजेट जॉर्डन को पछाड़कर दुनिया की सबसे छोटी जीवित महिला का खिताब हासिल किया था। उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया है। आज दुनिया भर में प्रेरणा की मिसाल के रूप में जानी जाती हैं।
   
ज्योति आमगे को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। वह 2014 में अमेरिकी टीवी शो 'अमेरिकन हॉरर स्टोरी' में भी दिखाई दी थीं, जिससे उन्हें वैश्विक पहचान मिली। 2018 में मिस्र के टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड ने उन्हें दुनिया के सबसे लंबे व्यक्ति तुर्किये के सुल्तान कोसेन के साथ एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
  
रामलला के दर्शन से हुईं भावुकराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचने पर ज्योति आमगे ने अपने सहयोगी भोला राम की मदद से रामलला के बाल स्वरूप का दर्शन किया। दर्शन के बाद भावुक होकर उन्होंने कहा कि रामलला के बाल स्वरूप को देखकर मन अभिभूत हो गया। ऐसा लगा जैसे जीवन का सबसे पवित्र क्षण मिल गया। अयोध्या का माहौल बहुत अच्छा है और 14 कोसी परिक्रमा मेले में अद्भुत अनुभव हुआ।
ज्योति आमगे ने आगे कहा कि भगवान श्रीराम ने जिस तरह सत्य और धर्म की रक्षा की, उसी तरह वे सबकी रक्षा करें। मैं जल्द ही फिर रामलला के दरबार में आऊंगी। मैं प्रार्थना करती हूं कि भगवान श्रीराम सब पर कृपा करें और सबकी सुरक्षा करें। सभी को मेरी ओर से ‘जय श्रीराम’।
सहयोगी की गोद में किया दर्शनज्योति को चलने में थोड़ी कठिनाई होती है। इसलिए उनके सहयोगी मैनेजर भोला राम ने उन्हें गोद में उठाकर मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचाया।
उनके साथ उनके माता-पिता, भाई, बहन और जीजा भी मौजूद थे। मंदिर परिसर में उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की।
मंदिर व्यवस्था से जुड़े डॉ. चंद्र गोपाल पांडेय ने बताया कि ज्योति एकोंड्रॉप्लासिया (Achondroplasia) नामक दुर्लभ हड्डियों की बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनकी लंबाई बढ़ नहीं पाई। उनकी लंबाई 62.8 सेंटीमीटर (2 फीट 7 इंच) और वजन मात्र 5.5 किलो है।
डॉ. पांडेय ने कहा कि ज्योति की शारीरिक स्थिति भले ही अलग हो, लेकिन उनके आत्मविश्वास और आस्था के आगे सब नतमस्तक हैं। उन्होंने कभी अपनी बीमारी को कमजोरी नहीं बनने दिया।
कौन हैं ज्योति आमगे?नागपुर निवासी ज्योति किशन आमगे का जन्म 16 दिसंबर 1993 को हुआ था। उनके पिता किशन आमगे और मां रंजना आमगे हैं। स्कूल के दिनों में उनकी कुर्सी, टेबल, यूनिफॉर्म और बर्तन विशेष रूप से उनके आकार के अनुसार बनवाए गए थे। ज्योति ने 18वें जन्मदिन पर अमेरिका की ब्रिजेट जॉर्डन को पछाड़कर दुनिया की सबसे छोटी जीवित महिला का खिताब हासिल किया था। उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया है। आज दुनिया भर में प्रेरणा की मिसाल के रूप में जानी जाती हैं।
ज्योति आमगे को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। वह 2014 में अमेरिकी टीवी शो 'अमेरिकन हॉरर स्टोरी' में भी दिखाई दी थीं, जिससे उन्हें वैश्विक पहचान मिली। 2018 में मिस्र के टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड ने उन्हें दुनिया के सबसे लंबे व्यक्ति तुर्किये के सुल्तान कोसेन के साथ एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
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