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Bihar: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के सानिध्य में शिवहर ने रचा इतिहास, गो माता को दिया 'नगर माता' का दर्जा, प्रस्ताव पारित

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शिवहर: बिहार के शिवहर नगर परिषद ने रविवार को एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए गौ माता को "नगर माता" का दर्जा दिया है। यह कदम देश के किसी भी नगर निकाय द्वारा पहली बार उठाया गया है। सरकारी अवकाश होने के बावजूद, नगर परिषद कार्यालय में आयोजित विशेष बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। यह ऐतिहासिक निर्णय जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज की उपस्थिति में लिया गया। शंकराचार्य इन दिनों गौ माता संकल्प यात्रा के तहत बिहार के विभिन्न जिलों का भ्रमण कर रहे हैं।





'पूरा देश करेगा अनुसरण'

शिवहर नगर परिषद कार्यालय पहुंचने पर शंकराचार्य का नगर सभापति राजन नंदन सिंह, सभी वार्ड पार्षदों और उनके अनुयायियों ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान शंकराचार्य ने नगर परिषद के इस निर्णय की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, "नगर सभापति एवं वार्ड पार्षदों द्वारा शिवहर में गौ माता को 'नगर माता' का दर्जा देकर इतिहास रचा गया है। इसका अनुसरण और स्मरण पूरा देश करेगा।" शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए गौ माता के संरक्षण को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि हमारे समाज और संस्कृति की आधारशिला भी है।





सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव

नगर सभापति राजन नंदन सिंह ने बोर्ड के सभी सदस्यों की सहमति के साथ, शंकराचार्य स्वामी के समक्ष भावुक होते हुए पूरे नगर परिषद क्षेत्र में गौ माता को "नगर माता" का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव की खास बात यह रही कि इसे पूर्व पार्षद सह वर्तमान पार्षद प्रतिनिधि मो. रईस और पार्षद मो. हसनैन ने संयुक्त रूप से रखा, जो सांप्रदायिक सद्भाव और सर्वधर्म समभाव की मिसाल है।





कागजी प्रक्रिया जारी

नगर परिषद द्वारा दो से तीन दिनों के भीतर इस निर्णय की कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। शंकराचार्य ने इस मौके पर सनातनी हिन्दुओं से अपील की कि वे गौ माता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए विधानसभा चुनाव में गौ भक्तों के पक्ष में मतदान करें, क्योंकि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने गौ माता की रक्षा का संकल्प नहीं लिया है।

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