फरीदाबाद : दिल्ली ब्लास्ट से जुडी एक अन्य लाल रंग की कार फरीदाबाद के गांव खंदावली से बरामद कर ली गई है। ये इस कार को मंगलवार रात गांव में लाया गया था। दिल्ली पुलिस के अलर्ट जारी होने के बाद जब फरीदाबाद पुलिस ने जिले भर में सघन जांच पड़ताल अभियान चलाया तब लाल रंग की कार इस गांव से बरामद कर ली गई। ये कार किसी जुम्मन के घर से मिला है। लेकिन पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। देर रात इस मामले में एक व्यक्ति को पुलिस पकड़कर अपने साथ ले गई। यह शख्स चेहरा छिपाकर कार की पिछली सीट पर लेटा हुआ था। बताया जा रहा है कि इस शख्स को सुरक्षा एजेंसिया निशानदेही के लिए लेकर आई थीं। तबीयत खराब होने के कारण यह पीछे वाली सीट पर लेट गया। हालांकि इसे बार में कोई पुलिस अधिकारी और एजेंसी बोलने को तैयार नहीं है।
उमर के नाम है रजिस्टर्ड
सूत्रों की मानें तो लाल रंग की ये कार मंगलवार की रात को लाकर खड़ी की गई थी। पूर्व सरपंच ने बताया कि कार गांव में रहने वाले जुम्मन के घर से बरामद हुई है। कार कौन लेकर आया था और यहां क्यों खड़ी की, पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस द्वारा कार बरामद होने के बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया और 200 मीटर इलाके में किसी के भी आने जाने पर रोक लगा दी गई। यह कार आतंकी डॉक्टर उमर के नाम पर रजिस्टर्ड है।
रॉयल कार जोन पहुंची टीमें
बता दें कि जिस गांव से ये कार बरामद हुई है वो जिला मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर एनएच पर बसा है। दूसरी और एनआईटी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम सेक्टर-37 बाईपास रोड स्थित रॉयल कार जोन पहुंची। उसके प्रबंधक मनीष पटेल से भी पूछताछ की गई। एजेंसियों ने पूछा कि उसने किस आधार पर आई 20 कार बेची थी। मनीष पटेल ने बताया कि 29 अक्तूबर को यूनिवर्सिटी की ओर से कार के लिए संपर्क किया गया। हमारे कर्मचारी सोनू ने इसे डील किया। कस्टमर ओएलएक्स के जरिए आए थे। उन्होंने ने ये कार पसंद की और पूरा पैसा देकर कार ले गए। हालांकि यूनिवर्सिटी से संपर्क वाली बात का पुलिस ने खंडन किया है।
उमर के नाम है रजिस्टर्ड
सूत्रों की मानें तो लाल रंग की ये कार मंगलवार की रात को लाकर खड़ी की गई थी। पूर्व सरपंच ने बताया कि कार गांव में रहने वाले जुम्मन के घर से बरामद हुई है। कार कौन लेकर आया था और यहां क्यों खड़ी की, पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस द्वारा कार बरामद होने के बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया और 200 मीटर इलाके में किसी के भी आने जाने पर रोक लगा दी गई। यह कार आतंकी डॉक्टर उमर के नाम पर रजिस्टर्ड है।
रॉयल कार जोन पहुंची टीमें
बता दें कि जिस गांव से ये कार बरामद हुई है वो जिला मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर एनएच पर बसा है। दूसरी और एनआईटी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम सेक्टर-37 बाईपास रोड स्थित रॉयल कार जोन पहुंची। उसके प्रबंधक मनीष पटेल से भी पूछताछ की गई। एजेंसियों ने पूछा कि उसने किस आधार पर आई 20 कार बेची थी। मनीष पटेल ने बताया कि 29 अक्तूबर को यूनिवर्सिटी की ओर से कार के लिए संपर्क किया गया। हमारे कर्मचारी सोनू ने इसे डील किया। कस्टमर ओएलएक्स के जरिए आए थे। उन्होंने ने ये कार पसंद की और पूरा पैसा देकर कार ले गए। हालांकि यूनिवर्सिटी से संपर्क वाली बात का पुलिस ने खंडन किया है।
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