नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वाहनों पर लंबित चालानों को लेकर राहत भरी खबर सामने आई है। दिल्ली सरकार ने बीते दस वर्षों में जारी हुए लंबित चालानों को माफ करने के लिए एमनेस्टी स्कीम (Amnesty Scheme) लागू करने की तैयारी कर ली है। परिवहन विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेज दिया है।
बैठक में होगी प्रस्ताव पर चर्चा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो वाहनों के लगभग 2.46 करोड़ चालान माफ हो जाएंगे। हालांकि, यह कुल लंबित चालानों का लगभग 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा ही होगा।
एमनेस्टी स्कीम में शामिल किए चालान
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने केवल कंपाउंडेबल यानी कोर्ट से बाहर जमा कराए जाने वाले चालानों को ही एमनेस्टी स्कीम में शामिल किया है। ड्रंकन ड्राइविंग, अनअथराइज्ड ड्राइविंग, बिना लाइसेंस वाहन चलाना और रैश ड्राइविंग जैसे गंभीर उल्लंघनों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
एक ओर मौका देना चाहती है सरकार
बीते दस सालों से लेकर इस साल अक्टूबर तक के सभी गैर-गंभीर श्रेणी के लंबित चालान इस योजना के दायरे में आएंगे। सरकार वाहन मालिकों को एक अंतिम मौका देना चाहती है। इसके बाद भी यदि चालान का निपटारा नहीं किया गया, तो भविष्य में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। बार-बार चालान न भरने वालों के वाहन पंजीकरण तक रद्द किए जा सकते हैं।
बकाया हैं इतने चालान
दिल्ली परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल राजधानी में कुल 2,46,76,302 चालान लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक चालान वर्चुअल कोर्ट (नोटिस ब्रांच) में लंबित है, जिनकी संख्या 1.84 करोड़ से अधिक है। इसके अलावा वर्चुअल कोर्ट (ऑन द स्पॉट) चालान 58.68 लाख, डिजिटल कोर्ट में 1.66 लाख, इवनिंग कोर्ट में 43,633 और रेगुलर कोर्ट में करीब एक लाख चालान लंबित है।
बिना हेलमेट के सबसे ज्यादा चालान
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में बिना लाइसेंस के 2 लाख से अधिक, बिना पीयूसी (PUC) के 3.73 लाख से अधिक और बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने के 2.59 लाख से अधिक चालान लंबित है।
बैठक में होगी प्रस्ताव पर चर्चा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो वाहनों के लगभग 2.46 करोड़ चालान माफ हो जाएंगे। हालांकि, यह कुल लंबित चालानों का लगभग 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा ही होगा।
एमनेस्टी स्कीम में शामिल किए चालान
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने केवल कंपाउंडेबल यानी कोर्ट से बाहर जमा कराए जाने वाले चालानों को ही एमनेस्टी स्कीम में शामिल किया है। ड्रंकन ड्राइविंग, अनअथराइज्ड ड्राइविंग, बिना लाइसेंस वाहन चलाना और रैश ड्राइविंग जैसे गंभीर उल्लंघनों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
एक ओर मौका देना चाहती है सरकार
बीते दस सालों से लेकर इस साल अक्टूबर तक के सभी गैर-गंभीर श्रेणी के लंबित चालान इस योजना के दायरे में आएंगे। सरकार वाहन मालिकों को एक अंतिम मौका देना चाहती है। इसके बाद भी यदि चालान का निपटारा नहीं किया गया, तो भविष्य में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। बार-बार चालान न भरने वालों के वाहन पंजीकरण तक रद्द किए जा सकते हैं।
बकाया हैं इतने चालान
दिल्ली परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल राजधानी में कुल 2,46,76,302 चालान लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक चालान वर्चुअल कोर्ट (नोटिस ब्रांच) में लंबित है, जिनकी संख्या 1.84 करोड़ से अधिक है। इसके अलावा वर्चुअल कोर्ट (ऑन द स्पॉट) चालान 58.68 लाख, डिजिटल कोर्ट में 1.66 लाख, इवनिंग कोर्ट में 43,633 और रेगुलर कोर्ट में करीब एक लाख चालान लंबित है।
बिना हेलमेट के सबसे ज्यादा चालान
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में बिना लाइसेंस के 2 लाख से अधिक, बिना पीयूसी (PUC) के 3.73 लाख से अधिक और बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने के 2.59 लाख से अधिक चालान लंबित है।
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