Chhath Puja 2025 , Surya Dev Mantra: सनातन धर्म में छठ पर्व का बहुत बड़ा महत्व है। इसमें सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना की जाती है। चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक चलता है। छठ पूजा छठ पूजा मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल सहित देश के कई हिस्सों में बड़े आस्था और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इस व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है।
यह चार दिवसीय पर्व 25 अक्टूबर, शनिवार से शुरू होगा और 28 अक्टूबर, मंगलवार को पारण के साथ इसका समापन होगा। छठ महापर्व सूर्य देव को समर्पित होता है और इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत में दो बार सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और पूजा का पूर्ण फल मिलता है।
1- सूर्य मंत्र
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना गया है। सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए सूर्य मंत्र का नियमित जाप सबसे प्रभावी उपाय है। इससे मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता है। छठ के दौरान सूर्य देव के इस मंत्र के जाप से व्रति को स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है। प्रतिदिन सूर्य मंत्र का जप करने से मनोबल बढ़ता है और जीवन में समृद्धि आती है।
नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे
आयुर्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते।।
नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे,
आयुरोग्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते।।
2- सूर्य गायत्री मंत्र
वैदिक ज्योतिष में सूर्य गायत्री मंत्र को अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी मंत्र माना गया है। यह मंत्र जन्म कुंडली में सूर्य से संबंधित दोषों और उसके प्रतिकूल प्रभावों को दूर करता है। छठ के दौरान सूर्य गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से शरीर मजबूत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मान्यता है कि अगर सूर्य ग्रहण के समय पूरी एकाग्रता के साथ सूर्य गायत्री मंत्र का जप किया जाए, तो कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याधिकराय धीमहि तन्मो आदित्य प्रचोदयात्।।
ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराय धीमहि तनः सूर्य प्रचोदयात्
3- सूर्य बीज मंत्र
वैदिक परंपरा में सूर्य बीज मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली और दिव्य माना गया है। यह मंत्र साधक को सूर्य देव की ऊर्जा से सीधे जोड़ने में सहायक होता है। नियमित रूप से सूर्य बीज मंत्र का जप करने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यश, सम्मान और प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है। इस विशेष मंत्र का जाप करने से आंखों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और दृष्टि तेज होती है। इसके जप से मन को शांति मिलती है।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
4- आदित्य हृदय स्तोत्र
सूर्य देव के इस स्तोत्र का नियमित पाठ बेहद फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इसके पाठ से आपका शरीर सूर्य की ऊर्जा से जुड़ जाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति में सकारात्मकता बढ़ती है और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता मजबूत होती है। इस मंत्र का पाठ करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति को सूर्य देव की कृपा, ऊर्जा और बल प्राप्त होता है।
आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्
जयवाहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्।।
आदित्य हृदयाय पुण्यं सर्व शत्रु विनाशनम्
जयवाहं जपेनिथ्यं अक्षयं परमं शिवम्
यह चार दिवसीय पर्व 25 अक्टूबर, शनिवार से शुरू होगा और 28 अक्टूबर, मंगलवार को पारण के साथ इसका समापन होगा। छठ महापर्व सूर्य देव को समर्पित होता है और इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत में दो बार सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और पूजा का पूर्ण फल मिलता है।
1- सूर्य मंत्र
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना गया है। सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए सूर्य मंत्र का नियमित जाप सबसे प्रभावी उपाय है। इससे मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता है। छठ के दौरान सूर्य देव के इस मंत्र के जाप से व्रति को स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है। प्रतिदिन सूर्य मंत्र का जप करने से मनोबल बढ़ता है और जीवन में समृद्धि आती है।
नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे
आयुर्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते।।
नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे,
आयुरोग्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते।।
2- सूर्य गायत्री मंत्र
वैदिक ज्योतिष में सूर्य गायत्री मंत्र को अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी मंत्र माना गया है। यह मंत्र जन्म कुंडली में सूर्य से संबंधित दोषों और उसके प्रतिकूल प्रभावों को दूर करता है। छठ के दौरान सूर्य गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से शरीर मजबूत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मान्यता है कि अगर सूर्य ग्रहण के समय पूरी एकाग्रता के साथ सूर्य गायत्री मंत्र का जप किया जाए, तो कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याधिकराय धीमहि तन्मो आदित्य प्रचोदयात्।।
ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराय धीमहि तनः सूर्य प्रचोदयात्
3- सूर्य बीज मंत्र
वैदिक परंपरा में सूर्य बीज मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली और दिव्य माना गया है। यह मंत्र साधक को सूर्य देव की ऊर्जा से सीधे जोड़ने में सहायक होता है। नियमित रूप से सूर्य बीज मंत्र का जप करने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यश, सम्मान और प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है। इस विशेष मंत्र का जाप करने से आंखों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और दृष्टि तेज होती है। इसके जप से मन को शांति मिलती है।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
4- आदित्य हृदय स्तोत्र
सूर्य देव के इस स्तोत्र का नियमित पाठ बेहद फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इसके पाठ से आपका शरीर सूर्य की ऊर्जा से जुड़ जाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति में सकारात्मकता बढ़ती है और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता मजबूत होती है। इस मंत्र का पाठ करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति को सूर्य देव की कृपा, ऊर्जा और बल प्राप्त होता है।
आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्
जयवाहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्।।
आदित्य हृदयाय पुण्यं सर्व शत्रु विनाशनम्
जयवाहं जपेनिथ्यं अक्षयं परमं शिवम्
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