नई दिल्ली: आखिरकार पांच साल बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी ट्रैफिक यूनिट को दो जोन में बांटने का फैसला वापस लिया है। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने 2021 में राजधानी के ट्रैफिक मैनेजमेंट को बेहतर करने और समस्याओं को निपटाने के लिए इसे दो जोन में बांटा था। इससे फायदा होने के बजाय लगातार भ्रम की स्थिति बन रही थी। लिहाजा मौजूदा कमिश्नर सतीश गोलचा ने ट्रेफिक को फिर से एकीकृत कर दिया है।
इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी
दिल्ली के ट्रैफिक मैनेजमेंट की जिम्मेदारी अब स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर को सौंपी गई है। पांच साल पहले लॉ एंड ऑर्डर की तरह ट्रैफिक को दो जोनों में बांटा गया था। शुक्रवार को जारी हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग के नए आदेश से पहले स्पेशल सीपी (ट्रैफिक जोन-2) के तौर पर अजय चौधरी काम देख रहे थे, जबकि के. जगदीशन के पास स्पेशल सीपी (ट्रैफिक जोन-1) की जिम्मेदारी थी।
दो अफसर होने से आ रही थी दिक्कत
दो अफसर होने से कई बार लोअर स्टाफ से को-ऑर्डिनेशन में दिक्कत आ रही थी। मिसाल के तौर पर स्पेशल सीपी (ट्रैफिक जोन-1) के. जगदीशन ने तत्कालीन सीपी संजय अरोड़ा की मंजूरी के बाद 15 अप्रैल को ट्रैफिक में तैनात कॉन्स्टेबल लेकर सब इंस्पेक्टर की इंटरनल ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए पुलिस इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड (PEB) का ऑर्डर जारी किया था।
सीनियर अफसर के लिए रखा ये नियम
इसके तहत अडिशनल सीपी (ट्रैफिक हेडक्वॉर्टर), अडिशनल सीपी (ट्रैफिक जोन-1) और अडिशनल सीपी (ट्रैफिक जोन-2) पीईबी के मेंबर थे। इन तीनों में से सीनियर अफसर को चेयरमैन बनाने का नियम रखा गया। इससे पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग का पूरा काम एक ही अडिशनल कमिश्नर देख रहे थे, जिससे पक्षपात की शिकायतें आ रही थीं।
बोर्ड बनने आमने सामने आ गए दो अफसर
अब बोर्ड बनने के बाद इसमें दो अडिशनल सीपी आमने-सामने आ गए। चेयरमैन बने अडिशनल सीपी ने पीईबी की मीटिंग कॉल की तो विवाद बढ़ गया। दोनों जोन के स्पेशल सीपी (ट्रैफिक) इसे सुलझा नहीं सके। मामला सीपी के पास पहुंच गया, जिन्होंने 17 मई को ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार ट्रैफिक यूनिट से छीन कर पुलिस हेडक्वॉर्टर को दे दिया।
ट्रैफिक में भ्रष्टाचार भी है चुनौती
पुलिस अफसरों के मुताबिक, ट्रैफिक पुलिस में कुछ 'मलाईदार' पॉइंट्स पर तैनाती को लेकर पक्षपात का आरोप लगते हैं। कुछ सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर तक यहां की पोस्टिंग के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। कई पुलिसकर्मी लगातार यूपी-हरियाणा बॉर्डर एरिया में ही तैनात रहते हैं। यहां पर कमर्शल गाड़ियों से अवैध वसूली के मामले सामने आते रहे हैं।
शुक्ला को सेल, चौधरी को विजिलेंस
दिल्ली गृह विभाग के शुक्रवार को जारी आदेश में स्पेशल कमिश्नर अनिल शुक्ला स्पेशल सेल की जिम्मेदारी दी गई है। वह पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में तैनात रह चुके हैं। उन्हें टेक एंड पीआई डिविजन का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। स्पेशल सीपी अजय चौधरी अब विजिलेंस यूनिट के मुखिया होंगे।
इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी
दिल्ली के ट्रैफिक मैनेजमेंट की जिम्मेदारी अब स्पेशल सीपी नीरज ठाकुर को सौंपी गई है। पांच साल पहले लॉ एंड ऑर्डर की तरह ट्रैफिक को दो जोनों में बांटा गया था। शुक्रवार को जारी हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग के नए आदेश से पहले स्पेशल सीपी (ट्रैफिक जोन-2) के तौर पर अजय चौधरी काम देख रहे थे, जबकि के. जगदीशन के पास स्पेशल सीपी (ट्रैफिक जोन-1) की जिम्मेदारी थी।
दो अफसर होने से आ रही थी दिक्कत
दो अफसर होने से कई बार लोअर स्टाफ से को-ऑर्डिनेशन में दिक्कत आ रही थी। मिसाल के तौर पर स्पेशल सीपी (ट्रैफिक जोन-1) के. जगदीशन ने तत्कालीन सीपी संजय अरोड़ा की मंजूरी के बाद 15 अप्रैल को ट्रैफिक में तैनात कॉन्स्टेबल लेकर सब इंस्पेक्टर की इंटरनल ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए पुलिस इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड (PEB) का ऑर्डर जारी किया था।
सीनियर अफसर के लिए रखा ये नियम
इसके तहत अडिशनल सीपी (ट्रैफिक हेडक्वॉर्टर), अडिशनल सीपी (ट्रैफिक जोन-1) और अडिशनल सीपी (ट्रैफिक जोन-2) पीईबी के मेंबर थे। इन तीनों में से सीनियर अफसर को चेयरमैन बनाने का नियम रखा गया। इससे पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग का पूरा काम एक ही अडिशनल कमिश्नर देख रहे थे, जिससे पक्षपात की शिकायतें आ रही थीं।
बोर्ड बनने आमने सामने आ गए दो अफसर
अब बोर्ड बनने के बाद इसमें दो अडिशनल सीपी आमने-सामने आ गए। चेयरमैन बने अडिशनल सीपी ने पीईबी की मीटिंग कॉल की तो विवाद बढ़ गया। दोनों जोन के स्पेशल सीपी (ट्रैफिक) इसे सुलझा नहीं सके। मामला सीपी के पास पहुंच गया, जिन्होंने 17 मई को ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार ट्रैफिक यूनिट से छीन कर पुलिस हेडक्वॉर्टर को दे दिया।
ट्रैफिक में भ्रष्टाचार भी है चुनौती
पुलिस अफसरों के मुताबिक, ट्रैफिक पुलिस में कुछ 'मलाईदार' पॉइंट्स पर तैनाती को लेकर पक्षपात का आरोप लगते हैं। कुछ सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर तक यहां की पोस्टिंग के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। कई पुलिसकर्मी लगातार यूपी-हरियाणा बॉर्डर एरिया में ही तैनात रहते हैं। यहां पर कमर्शल गाड़ियों से अवैध वसूली के मामले सामने आते रहे हैं।
शुक्ला को सेल, चौधरी को विजिलेंस
दिल्ली गृह विभाग के शुक्रवार को जारी आदेश में स्पेशल कमिश्नर अनिल शुक्ला स्पेशल सेल की जिम्मेदारी दी गई है। वह पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में तैनात रह चुके हैं। उन्हें टेक एंड पीआई डिविजन का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। स्पेशल सीपी अजय चौधरी अब विजिलेंस यूनिट के मुखिया होंगे।
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