लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी नीति उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्तीकरण पर ही केंद्रित है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि हम उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्तीकरण की नीति की पुष्टि करते हैं। यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल ही में उत्तर कोरियाई नेता किम जॉन उन ने संकेत दिया कि यदि अमेरिका अपना यह रुख बदलता है, तो वह बातचीत के लिए तैयार हो सकते हैं।
किम जॉन उन ने उत्तर कोरियाई संसद को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पास अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अच्छी यादें हैं और यदि शर्तें पूरी होती है, तो वह संवाद के लिए खुले हैं। इस बयान के बाद संभावित किम-ट्रंप वार्ता को लेकर अटकलें तेज हो गई है। ट्रंप ने भी संकेत दिया है कि वह इस वर्ष किम से मिलने की उम्मीद रखते हैं। संभावना जताई जा रही है कि दोनों नेताओं की भेंट आगामी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में हो सकती है, जो 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में होगा।
ट्रंप उत्तर कोरिया के साथ किसी शांति समझौते की ओर बढ़ सकते हैं, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि मजबूत होगी। ट्रंप यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने जनवरी में पद संभालने के बाद से सात युद्ध समाप्त करवाये हैं। जिनमें इजरायल-ईरान और भारत-पाकिस्तान के बीच का संघर्ष भी शामिल है।
ट्रंप और किम जोंग उन की पहली अवधि में तीन मुलाकात हो चुकी हैं, जून 2018 में सिंगापुर, फरवरी 2019 में हनोई और जून 2019 में पनमुनजॉम उत्तर कोरिया सीमा गांव में। हालांकि उस समय कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर कोरिया अमेरिका वार्ता की संभावनाएं फिर से उभर रही हैं, लेकिन अमेरिका का मूल रूप अभी वही है पूर्ण निरस्तीकरण की ही समाधान है।
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