दुनियाभर में चांदी के बाजार इस समय गंभीर संकट से गुजर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस उथल-पुथल का मुख्य कारण अमेरिका या यूरोप नहीं, बल्कि भारत है। धनतेरस के मौके पर भारत में चांदी की रिकॉर्डतोड़ खरीदारी ने वैश्विक चांदी बाजारों को हिला दिया।
भारत में तेज डिमांड ने किया असर
MMTC-Pamp India Pvt के ट्रेडिंग हेड विपिन रैना के अनुसार इस साल धनतेरस पर चांदी की जबरदस्त मांग देखी गई। आलम यह रहा कि कई ट्रेडर्स के पास स्टॉक खत्म हो गया। भारत में हुई इस भारी खरीदारी ने न केवल घरेलू बाजार खाली किए, बल्कि लंदन जैसे अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग हब पर भी इसका असर दिखाई दिया।
रिकॉर्डतोड़ खरीदारी और सोशल मीडिया का असर
भारत में धनतेरस पर सोने और चांदी की खरीद को शुभ माना जाता है। इस बार खास बात यह रही कि सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह ने चांदी की मांग और बढ़ा दी। निवेशक और कंटेंट क्रिएटर सार्थक आहूजा ने वीडियो में बताया कि सोने के मुकाबले चांदी का रेश्यो 100:1 है, इसलिए निवेशकों ने चांदी की ओर रुख किया। उनका यह वीडियो खूब वायरल हुआ और इससे खरीदारी और तेज हुई।
वैश्विक असर और सप्लाई संकट
भारत में तेज डिमांड और चीन में छुट्टियों के बीच, कई डीलरों ने लंदन का रूख किया, लेकिन वहां भी स्टॉक खत्म पाया गया। लंदन के वॉल्ट में करीब 36 अरब डॉलर की चांदी रखी होती है। हालात इतने बिगड़ गए कि ओवरनाइट सिल्वर लोन पर ब्याज सालाना 200 प्रतिशत तक पहुंच गया। जेपी मॉर्गन चेस, जो भारत के लिए सबसे बड़ा सप्लायर है, ने भी घोषणा की कि अक्टूबर में नई डिलीवरी अब मुमकिन नहीं है और नवंबर तक इंतजार करना होगा।
चांदी के भाव में उतार-चढ़ाव
चांदी की कमी का असर निवेश फंड्स पर भी पड़ा। SBI म्यूचुअल फंड, कोटक एसेट मैनेजमेंट और UTIAMC ने सिल्वर फंड्स में नए सब्सक्रिप्शन पर रोक लगा दी। इसी बीच चांदी की कीमतें 54 डॉलर प्रति औंस के अपने ऑल टाइम हाई लेवल तक पहुंच गईं। हालांकि, इसके बाद आज चांदी में भारी गिरावट देखी गई। न्यूयॉर्क में हाजिर भाव 4.4 प्रतिशत गिरकर 51.88 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि सोने में भी 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। प्लैटिनम और पैलेडियम में भी भाव गिरने का सिलसिला जारी रहा।
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