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असदुद्दीन ओवैसी का खुलासा - महागठबंधन में शामिल होने के लिए की थी सिर्फ 6 सीटों की मांग, मंत्री पद की कोई डिमांड नहीं

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बिहार की राजनीति पर एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि अक्सर उन पर यह आरोप लगाया जाता है कि उनकी पार्टी गठबंधन से दूरी बनाए रखती है, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। ओवैसी के मुताबिक, अख्तरुल इमान ने खुद लालू प्रसाद यादव को दो और तेजस्वी यादव को एक पत्र लिखकर गठबंधन का प्रस्ताव दिया था। उस समय AIMIM ने केवल छह सीटों की मांग की थी। इसके बावजूद, आरजेडी (RJD) ने उनके चार विधायकों को तोड़कर अपने पाले में शामिल कर लिया।

मंत्री पद की कोई मांग ही नहीं थी – ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि AIMIM ने कभी भी सत्ता में हिस्सेदारी या मंत्री पद की डिमांड नहीं रखी। उन्होंने कहा, "हमने साफ कहा था कि हमें मंत्री पद नहीं चाहिए। इससे बड़ी दरियादिली और क्या हो सकती है? इसके बावजूद उन्होंने हमारे विधायकों को खरीदने का काम किया। खैर, जाने दीजिए… हम अपनी राह पर चलते रहेंगे और जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे।"



गठबंधन पर फैसला RJD के हाथ में


ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि AIMIM की ओर से पहल हो चुकी थी, अब बॉल आरजेडी के पाले में है। "अख्तरुल इमान ने जनता और मीडिया के सामने खुलेआम गठबंधन की बात कही थी। अब ये तय करना RJD पर है कि वे हाथ मिलाएंगे या नहीं। लेकिन याद रखिए, जब नतीजे आएंगे तो बाद में शिकवा मत करना।"

AIMIM की लड़ाई RJD और कांग्रेस से भी होगी


ओवैसी ने साफ संकेत दिए कि अगर गठबंधन नहीं हुआ तो उनकी पार्टी का मुकाबला केवल बीजेपी से ही नहीं बल्कि आरजेडी और कांग्रेस से भी होगा। उन्होंने कहा, "बेईमानी करके हमारे चार विधायक छीन लिए गए। इसलिए अब AIMIM तीनों पार्टियों से दो-दो हाथ करेगी।" उन्होंने अंग्रेजी का जिक्र करते हुए कहा, "अब फैसला पूरी तरह उनके कोर्ट में है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका ऐलान समय आने पर कर दिया जाएगा।

'I Luv Mohammad' विवाद पर ओवैसी का जवाब

हाल ही में ‘I Luv Mohammad’ लिखे पोस्टरों पर उठे विवाद को लेकर ओवैसी ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, "अगर कोई ‘I Luv PM’ या ‘I Luv नीतीश कुमार’ लिखे तो उस पर कोई ऐतराज क्यों नहीं होता? मैं मुसलमान हूं क्योंकि मोहम्मद साहब ने हमें इस्लाम सिखाया। हम अल्लाह को मानते हैं क्योंकि मोहम्मद साहब ने ऐसा करना सिखाया। मोदी जी के जन्मदिन पर ‘हैप्पी बर्थडे’ के पोस्टर लगे तो किसी ने सवाल नहीं उठाया। फिर मोहम्मद साहब से मोहब्बत जाहिर करने में गैरकानूनी क्या है? याद रखिए, उनसे नफरत सिर्फ शैतान ही कर सकता है।"

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