New Delhi, 28 सितंबर . रूस और India की दोस्ती अमेरिका को खूब खटक रही है. यही कारण है कि रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका India के ऊपर मनमाना टैरिफ लगा रहा है. हालांकि, रूस और India ने एक बात साफ कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, रूस और India की दोस्ती अडिग है.
इसका ताजा उदाहरण संयुक्त राष्ट्र महासभा ( यूएनजीए) में देखने को मिला, जब न केवल India ने बिना नाम लिए अमेरिका के दोहरे मापदंड के लिए उसे घेरा, बल्कि रूस ने भी India का समर्थन किया.
दरअसल, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत-रूस के रिश्ते और तेल व्यापार को लेकर कहा कि हम India के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं. Prime Minister Narendra Modi इन राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने के लिए जो विदेश नीति अपना रहे हैं, हम उसका पूरा सम्मान करते हैं. हमारे बीच बड़े स्तर पर नियमित संपर्क बना रहता है.
लावरोव ने कहा, “India और अमेरिका या India और अन्य किसी देश के बीच जो स्थिति उत्पन्न होती हैं, मैं उन्हें रूस और India के रिश्तों का मानदंड नहीं मानता हूं. हमारे बीच लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी है, फिर एक समय आया जब हमारे भारतीय मित्रों ने इस शब्द को पूरक बनाने का प्रस्ताव रखा और अब हम इसे विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी कहते हैं.”
उन्होंने कहा कि इस साल India के विदेश मंत्री और मेरे सहयोगी एस जयशंकर रूस का दौरा करेंगे और मैं India का दौरा करूंगा. हमारे बीच नियमित रूप से विचारों का आदान-प्रदान होता है. मैं यह भी नहीं पूछ रहा कि हमारे व्यापारिक संबंधों या तेल का क्या होगा?
लावरोव ने कहा, “मैं तो भारतीय सहयोगियों से यह सवाल नहीं करता, क्योंकि वह फैसले खुद लेने में पूरी तरह से सक्षम हैं.”
वहीं India ने भी इस बात को साफ कर दिया है कि अपने विकास और फायदे के लिए किसी दूसरे देश की शर्तों पर नहीं चलेगा. अमेरिका ने न केवल India के ऊपर अधिक टैरिफ लगाए, बल्कि दंडात्मक शुल्क भी लगाया. बावजूद इसके India ने साफ कर दिया कि अमेरिका के सामने वह नहीं झुकेगा.
यूएनजीए में भी India ने अमेरिका के दोहरे मापदंडों को लेकर घेरा. India के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अब हम टैरिफ में अस्थिरता और बाजार में अनिश्चितता देख रहे हैं.
उन्होंने यूएनजीए में अमेरिका का नाम लिए बिना उसके “दोहरे मानदंडों” का भी जिक्र किया, जिसमें एस जयशंकर ने रूसी तेल खरीदने पर India पर दंडात्मक शुल्क लगाना, जबकि अन्य देशों पर नहीं लगाने की ओर इशारा किया.
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कनक/वीसी
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