New Delhi, 11 अक्टूबर . हमारे शरीर की हड्डियां शरीर की मजबूत नींव की तरह हैं. हड्डियां सिर्फ शरीर को खड़ा रखने का काम नहीं करतीं, बल्कि हमारे जीवन की हर गतिविधि का आधार हैं. अगर हड्डियां मजबूत हैं, तो शरीर हर चुनौती का सामना कर सकता है, लेकिन अगर ये कमजोर हो जाएं, तो चलना-फिरना, काम करना और रोजमर्रा की गतिविधियां मुश्किल हो जाती हैं.
हड्डियां खास इसलिए हैं क्योंकि ये शरीर का ढांचा देती हैं, मांस और अंगों को सहारा देती हैं. इसके अलावा हड्डियां हमारे महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा भी करती हैं, जैसे खोपड़ी दिमाग की, पसलियां दिल और फेफड़ों की, और रीढ़ की हड्डी स्पाइनल कॉर्ड की रक्षा करती है. हड्डियां मांसपेशियों के सहारे हमें चलने-फिरने और हर तरह की गतिशीलता देती हैं.
हड्डियां शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस का सबसे बड़ा भंडार हैं और इन्हीं से हड्डियां मजबूत होती हैं. हड्डियों के अंदर मौजूद बोन मैरो में लाल और सफेद रक्त कोशिकाएं बनती हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं.
लेकिन हड्डियों से जुड़ी कुछ आम समस्याएं भी हैं. जैसे ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर और खोखली हो जाती हैं, आर्थराइटिस में जोड़ों में दर्द और सूजन होती है, चोट लगने पर फ्रैक्चर हो जाता है, और विटामिन डी की कमी से हड्डियां मुलायम और दर्दनाक हो जाती हैं. इसके अलावा, गठिया में यूरिक एसिड की अधिकता से जोड़ों में दर्द होता है.
आयुर्वेद के अनुसार हड्डियां अस्थि धातु कहलाती हैं और वात दोष से जुड़ी होती हैं. असंतुलित आहार, नींद की कमी और गलत जीवनशैली से अस्थि धातु कमजोर हो जाती है. तिल, अश्वगंधा, शतावरी और हडजोड़ जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हड्डियों को पोषण देती हैं.
हड्डियों को मजबूत रखने के लिए सही आहार जरूरी है. कैल्शियम के लिए दूध, दही, पनीर और तिल खाएं. विटामिन डी के लिए सुबह की धूप, अंडा और मशरूम लें. प्रोटीन के लिए दालें, चना और राजमा खाना चाहिए. इसके अलावा, रोजाना 30 मिनट की वॉक और योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, ताड़ासन और त्रिकोणासन हड्डियों को मजबूत बनाते हैं.
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पीआईएम/एएस
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