New Delhi, 12 नवंबर . केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय नागरिकों की तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी भारतीय नागरिकों की तस्करी कर उनको म्यांमार ले जाते थे और उनसे साइबर क्राइम करवाते थे.
हाल ही में India Government ने म्यांमार से साइबर गुलामी के कई पीड़ितों को छुड़ाने में मदद की है. जांच के दौरान सीबीआई ने मानव तस्करी में लिप्त कई एजेंटों की पहचान की. Rajasthan और Gujarat से पीड़ितों की तस्करी करने वाले दो ऐसे एजेंट बचाए गए व्यक्तियों के साथ India लौटते पाए गए और पहुंचते ही उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.
जांच से पता चला है कि बड़ी संख्या में बेखबर भारतीय नागरिकों को अक्सर थाईलैंड के रास्ते म्यांमार के धोखाधड़ी वाले ठिकानों पर तस्करी के लिए भेजा जा रहा है. एक संगठित अंतरराष्ट्रीय गिरोह इन लोगों को विदेशों में ऊंची तनख्वाह वाली नौकरियों और आकर्षक रोजगार के अवसरों का झूठा वादा करके लुभाता है. India से बाहर ले जाए जाने के बाद उन्हें म्यांमार भेज दिया जाता है, जहां उन्हें गलत तरीके से बंधक बनाकर रखा जाता है और बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी के धंधों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है.
इसमें डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले, निवेश घोटाले और प्रेम संबंध धोखाधड़ी शामिल हैं जो भारतीय नागरिकों सहित दुनिया भर के लोगों को निशाना बनाते हैं. तस्करी के शिकार लोगों को धमकाया जाता है, कैद किया जाता है और शारीरिक शोषण किया जाता है. यहां तक कि उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें अवैध साइबर अपराध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है. इन पीड़ितों को आमतौर पर ‘साइबर गुलाम’ कहा जाता है.
सीबीआई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में साइबर गुलामी और अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के इस उभरते खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है.
सीबीआई ने सभी नागरिकों, विशेषकर युवा नौकरी चाहने वालों से अपील की है कि वे social media, ऑनलाइन विज्ञापनों या अनधिकृत एजेंटों के माध्यम से किए गए किसी भी विदेशी रोजगार प्रस्ताव के प्रति अत्यधिक सावधानी बरतें.
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एमएस/डीकेपी
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