New Delhi, 30 सितंबर . व्हाइट हाउस के चमचमाते हॉल में, डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू ने एक ऐतिहासिक शांति योजना पर हस्ताक्षर किए. मीडिया ने इसे देखते ही ’20-प्वाइंट गाजा डील’ का नाम दे दिया. लेकिन इस योजना में एक खास ट्विस्ट था- 72 घंटे का सस्पेंस.
योजना के अनुसार, हमास को 72 घंटे के भीतर सभी बंदियों को रिहा करना है. इस तीन-दिन की घड़ी ने पूरी दुनिया की निगाहें गाजा पर टिका दी हैं. ग्लोबल मीडिया उत्सुक है. अखबारों की हेडलाइन, हर न्यूज चैनल की स्क्रीन, हर social media पोस्ट बस यही पूछ रही है: ‘क्या होगा हमास का कदम?’
यूरोप, अमेरिका और एशिया के मुल्क इसके नतीजे को लेकर असमंजस में हैं. चीन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन चीनी Governmentी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ ने इस योजना को ‘अस्थायी’ और ‘अधूरी’ बताया है, यह भी कहा कि हमास ने अभी तक इस योजना को स्वीकार नहीं किया है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इजरायल और अमेरिका के बीच सहमति के बावजूद, हमास की प्रतिक्रिया योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगी.
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने शीर्षक में ही गाजा प्लान का जिक्र करते हुए कहा कि हमास को इससे सहमत होना ही पड़ेगा. अपनी स्टोरी में दावा किया है कि नेतन्याहू की पार्टी इसको सराहेगी लेकिन दक्षिणपंथी गठबंधन में विरोध की पूरी संभावना है.
द वॉशिंगटन पोस्ट ने भी हमास के रुख को लेकर सवाल उठाए हैं. लिखा है कि नेतन्याहू ने ट्रंप के दबाव में सहमति दी है लेकिन हमास को लेकर जो कहा गया है उससे निश्चित तौर पर अस्वीकार किया जाएगा.
यूके के द गार्जियन ने नेतन्याहू की यूएन से अपील को प्रमुखता से छापा है. कहा है कि नेतन्याहू ने पश्चिमी देशों की फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने की निंदा की है.
तो इजरायल के प्रमुख मीडिया ग्रुप द टाइम्स ऑफ इजरायल ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के सहयोग की बात कही है. इसमें कतर से माफी का भी जिक्र है.
अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली Prime Minister बेंजामिन नेतन्याहू ने Monday को व्हाइट हाउस में एक महत्वाकांक्षी शांति योजना का ऐलान किया, जो गाजा में लगभग दो साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने का दावा करती है. 20-सूत्री इस योजना में तत्काल युद्धविराम, बंधकों की अदला-बदली, इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी, हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण और एक अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिशन Government की स्थापना शामिल है. योजना के तहत गाजा का पुनर्निर्माण होगा, जिसमें पूर्व ब्रिटिश Prime Minister टोनी ब्लेयर और ट्रंप खुद एक बोर्ड के प्रमुख होंगे.
ये सब कुछ तय है लेकिन हमास की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया न आना सस्पेंस क्रिएट करता है. जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह डील वाकई शांति लाएगी या इजरायल को हमास के खिलाफ ‘अंतिम हमला’ करने का बहाना बनेगी!
–
केआर/
You may also like
सीएम युवा कॉन्क्लेव ने लिखी नई इबारत, 12 हजार से अधिक बिजनेस इंक्वायरी और 9,200 पंजीकरण
'ऑपरेशन सिंदूर' की तुलना क्रिकेट मैच से नहीं होनी चाहिए : कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत
टॉवल ढोते समय पानी में मिला दें` ये 2 चीजें, बदबू और किटाणु दोनों का मीट जाएगा नामोनिशान
बीजी कॉल पर कंप्यूटर की आवाज सुन` गुस्से में आ गई दादी बोलीं बिना मतलब बोले जा रही है
Netflix पर क्यों भड़के Elon Musk? सब्सक्रिप्शन कैंसल करने की ये है बड़ी वजह