Mumbai , 29 सितंबर . सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार की अध्यक्षता वाली Maharashtra कैबिनेट उप-समिति ने Monday को राज्य में हुए 201 सामाजिक आंदोलनों में से 77 आवेदकों के खिलाफ मामले वापस लेने की सिफारिश की.
मंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध, गंभीर अपराध और व्यक्तिगत या नागरिक विवादों से संबंधित मामलों को Governmentी नीति के तहत माफ नहीं किया जा सकता. इसलिए, ऐसे मामलों को वापस लेने से स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों और पूर्व सांसदों से जुड़े छह मामलों में, Governmentी प्रस्तावों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, अंतिम निर्णय बॉम्बे उच्च न्यायालय को लेना होगा. उन्होंने कहा कि इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
मंत्री शेलार ने कहा कि उप-समिति द्वारा प्राप्त 201 आवेदनों में से 77 पर पुनर्विचार की सिफारिश की गई है और अब इन मामलों को Police उपायुक्तों की अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय समितियों के समक्ष रखा जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि कई कार्यकर्ताओं, Political दलों के कार्यकर्ताओं, प्रदर्शनकारियों और वैचारिक आंदोलनों में भाग लेने वालों पर बेवजह मामले दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे निराधार मामलों से उन्हें राहत दिलाना Government की जिम्मेदारी है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि गणेशोत्सव, नवरात्रि, दही हांडी उत्सव, कोविड-19 के दौरान आयोजित सामाजिक कार्यक्रम, श्रमिक आंदोलन और ऐसे अन्य आयोजनों के दौरान दर्ज मामले नए आवेदनों के आधार पर समीक्षा के लिए खुले रहेंगे.
इस संबंध में जल्द ही एक नई बैठक बुलाई जाएगी. मंत्री शेलार ने अपील की कि इससे पहले गणेशोत्सव मंडल, नवरात्रि मंडल, सामाजिक संगठन, यूनियन प्रतिनिधि और कार्यकर्ता Government को अपने आवेदन प्रस्तुत करें.
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वीकेयू/डीएससी
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