New Delhi, 4 सितंबर . Supreme court ने टेरर फंडिंग मामले में आरोपी अलगाववादी कश्मीरी नेता शब्बीर अहमद शाह की नियमित जमानत याचिका पर Thursday को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. अदालत ने इस दौरान शाह की अंतरिम जमानत की मांग को ठुकरा दिया. अब दो हफ्ते बाद उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.
शब्बीर शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्विस ने अदालत में दलील दी कि 74 वर्षीय शाह पिछले छह साल से जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ दर्ज मामले में करीब 400 गवाहों की सूची दी गई है, लेकिन अभी तक केवल 15 गवाहों की ही गवाही हो पाई है. गोंसाल्विस ने यह भी कहा कि नियमित जमानत पर सुनवाई होने तक शाह को अंतरिम जमानत दी जाए, ताकि उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें राहत मिल सके.
हालांकि, Supreme court ने अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुए स्पष्ट किया कि इस मामले पर अगली सुनवाई नियत तिथि पर ही होगी.
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शब्बीर शाह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने Supreme court का दरवाजा खटखटाया. शब्बीर शाह पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और आतंकवाद के लिए हवाला के जरिए फंड जुटाने का आरोप है.
शब्बीर शाह को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 4 जून 2019 को गिरफ्तार किया था. उस पर पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों, जैसे हिजबुल मुजाहिदीन के सैय्यद सलाहुद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद और इफ्तिखार हैदर राणा जैसे आतंकियों से संपर्क रखने का भी आरोप है. एआईए का दावा है कि शाह ने हवाला नेटवर्क के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाया और जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने में भूमिका निभाई.
यह मामला जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़ा है, जिसे लेकर एनआईए लगातार जांच कर रही है. शब्बीर शाह की गिरफ्तारी के बाद से यह मामला सुर्खियों में रहा था.
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पीएसके
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