पैसा पैसा क्या होता है पैसे का पैसे की लगा दूँ ढेरी.. मैं बारिश कर दूँ पैसे की जो तू हो जाये मेरी..’ ये गाना आप ने कई बार सुना होगा। कितना अच्छा होता ना यदि सच में पैसों की बारिश होने लगती? फिर हम जितनी मर्जी चाहे पैसे उठा लेते। अब आप में से कई लोग बोलेंगे कि भला पैसों की भी कोई बारिश होती है क्या? पैसे कोई पेड़ पर थोड़ी न उगते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसा मामला बताने जा रहे हैं जहां सच में पेड़ पर से पैसों की बारिश हो गई।
पैसों की बारिश वाला यह मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर के शाहाबाद कस्बे का है। यहां शनिवार को तब लोगों के होश उड़ गए जब उन्हें एक पेड़ पर से 100, 200 और 500 के करारे नोट गिरते हुए दिखाई दिए। लॉकडाउन में वैसे ही कई लोगों की कड़की चल रही है। ऐसे में पैसों की बारिश होती देख लोग भी बौखला गए। वे सभी पेड़ से गिरते पैसे बटोरने लगे। उनकी खुशी इतनी थी कि वे पैसे उठाने के साथ चिल्ला चिल्ला कर लोगों को इसकी जानकारी भी दे रहे थे।
हालांकि कुछ देर बाद जब लोगों को पेड़ से गिरते पैसों की सच्चाई पता चली तो वे वहां से चुपचाप चलते बने। दरअसल ये पैसे शाहाबाद कस्बे में तैनात एक पुलिसकर्मी के थे। हुआ ये कि पुलिसवाला अपनी डॉयल 112 गाड़ी में पर्स रखकर खाना खाने चला गया था। वह अपनी गाड़ी का शिक्षा बंद करना भूल गया था। इतनी देर में वहां एक बंदर आ गया और उसका पर्स उठाकर पेड़ पर जा बैठा। इस बंदर की वजह से ही पेड़ पर से पैसे बरस रहे थे।
बंदर जब पेड़ पर चढ़ा तो उसने पुलिसवाले का नोटों से भरा पर्स खोल दिया। इसके बाद देखते ही देखते ये नोट पेड़ से गिरकर नीचे आने लगे। इसे देख ऐसा प्रतीत हुआ मानों पेड़ पर से पैसों की बारिश हो रही है। इसी पैसों की बारिश को देख लोग पगला गए थे और गिरते पैसे बटरोने लगे थे। हालांकि जब उन्हें पता चला कि ये पुलिसवाले के पैसे हैं तो वे वहां से चुपचाप चलते बने। फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि पुलिसवाले के पर्स में कितने पैसे थे।
यह पुरा मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। किसी ने मजाक करते हुए कहा कि लॉकडाउन में बंदरों के खाने के भी फजीते पड़ गए हैं इसलिए उन्होंने अब पैसे चुराना शुरू कर दिया है।
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