अगली ख़बर
Newszop

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश को रद्द किया, कहा पर्याप्त साक्ष्य नहीं

Send Push
सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 18 सितंबर और 3 अक्टूबर 2023 के आदेशों को रद्द कर दिया है, जिनमें सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य या प्रारंभिक आधार नहीं मिले हैं। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि ये आदेश केवल 'संदेह', 'धारणा' और 'अस्पष्ट विवरणों' पर आधारित थे। इसके अलावा, कोर्ट ने यह माना कि याचिकाकर्ताओं ने खुद हाई कोर्ट से सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी।


यह निर्णय उत्तर प्रदेश विधान परिषद, लखनऊ और अन्य की अपील पर लिया गया है, जिसमें न्यायिक संयम और असाधारण परिस्थितियों में ही जांच एजेंसी की आवश्यकता पर जोर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच को अंतिम उपाय के रूप में देखा जाना चाहिए।


सीबीआई जांच के लिए विशेष परिस्थितियाँ

सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि अदालतों द्वारा सीबीआई जांच का आदेश नियमित रूप से नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि केवल अपवादस्वरूप मामलों में ही अंतिम उपाय के रूप में दिया जाना चाहिए। सीबीआई जांच केवल दुर्लभ परिस्थितियों में उचित है, जैसे कि जहां राज्य एजेंसियों के साथ समझौता किया गया हो, मौलिक अधिकार दांव पर हों या राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हों। न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय लिया है।


पीठ ने कहा कि इस घटना ने राष्ट्रीय चेतना को झकझोर दिया है, जिसमें मौलिक अधिकारों का उल्लंघन शामिल है और एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द करते हुए यह बात कही, जिसमें उत्तर प्रदेश विधान परिषद और विधानसभा सचिवालयों की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था।


जस्टिस जे के माहेश्वरी और विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा कि सीबीआई को जांच का निर्देश देने की अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग संयमित और सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि सीबीआई जांच को नियमित रूप से निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए, केवल इसलिए कि कोई पक्ष कुछ आरोप लगाता है या राज्य पुलिस में अविश्वास रखता है।


सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस शक्ति का प्रयोग करने के लिए, संबंधित न्यायालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रस्तुत सामग्री प्रथम दृष्टया अपराध के घटित होने का खुलासा करती है और निष्पक्ष जांच के मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई जांच आवश्यक बनाती है।


न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें