बच्चों की सेहत पर उनके सोने के समय और नींद की अवधि का गहरा असर पड़ता है। यदि बच्चे कम सोते हैं या सही समय पर नहीं सोते, तो यह उनके विकास और वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।
इसके अलावा, नींद का मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। बच्चे की सीखने की क्षमता, इम्यूनिटी, आत्मविश्वास, और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर नींद का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। इस विषय पर बच्चों के डॉक्टर पवन मांडविया ने जानकारी दी है।
बच्चों के लिए सोने का सही समय
डॉ. पवन मांडविया के अनुसार, बच्चों को रात 9 से 10 बजे के बीच सो जाना चाहिए। इस समय ग्रोथ हार्मोन का स्राव अपने उच्चतम स्तर पर होता है, जो बच्चों की मांसपेशियों और मानसिक विकास के लिए आवश्यक है। यदि आपका बच्चा देर से सोता है और सुबह देर से उठता है, तो आपको उसकी इस आदत को बदलने की आवश्यकता है।
रात में देर से सोने के नुकसान
अनुसंधानों से पता चला है कि ग्रोथ हार्मोन तब सबसे अधिक बनता है जब बच्चा गहरी नींद में होता है। गहरी नींद से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है। यदि बच्चा देर से सोता है और उसकी नींद पूरी नहीं होती, तो यह उसकी वृद्धि और विकास को प्रभावित करता है। इसके अलावा, बच्चे में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और व्यवहार में बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। नींद की कमी से बच्चे की इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बच्चों की उम्र के अनुसार सोने का समय
- 0 से 6 महीने के बच्चों को रात 8 बजे तक सुला देना चाहिए।
- 6 से 12 महीने के बच्चों को शाम 6:30 से 7:30 बजे के बीच सुलाना चाहिए।
- 1 से 2 साल के बच्चों के लिए सोने का सही समय शाम 7 बजे है।
- 3 से 5 साल के बच्चों को रात 8 बजे सोना चाहिए।
- 6 से 13 साल के बच्चों के लिए रात 9 बजे का समय आदर्श है।
- 14 से 17 साल के किशोरों को रात 10 बजे तक सो जाना चाहिए।
बच्चों के उठने का सही समय
डॉक्टर के अनुसार, यदि बच्चा रात 9 से 10 बजे के बीच सो जाता है, तो उसे सुबह लगभग 7 बजे उठना चाहिए। इससे बच्चे को 8 से 10 घंटों की नींद मिलती है।
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