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शेयर मार्केट में सोमवार को एफआईआई का गेम हावी रहा, लेकिन अगर यह लेवल पार नहीं हुआ तो बड़ी बिकवाली आ सकती है

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शेयर मार्केट में सोमवार को एक बड़ी गिरावट के हालात बने थे और बड़ी गैपडाउन ओपनिंग के बावजूद बेंचमार्क इंडेक्स में रिकवरी देखी गई और बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने रिकवरी दिखाते हुए क्लोज़िंग दी. सेंसेक्स 174 अंकों की गिरावट के बाद 25227 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 58 अंकों की गिरावट के बाद 82327 के लेवल पर बंद हुआ. मार्केट में गिरावट को लेकर कुछ घबराहट थी, क्योंकि ग्लोबल क्यूज़ नेगेटिव थी. बाज़ार पर अमेरिका और चीन में जारी ट्रेड वॉर का प्रभाव पड़ा. अमेरिका के चीन पर 100% टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद सोमवार सुबह एशियाई बाज़ारों में गिरावट देखी गई. भारतीय बाज़ार भी गिरावट में खुले लेकिन दिन समाप्त होते होते बाज़ार में रिकवरी आ गई. बैंकिंग, ऑटो और फाइनेंशियल सेक्टर के स्टॉक ने बाज़ार को सहारा दिया.



भारतीय बाज़ार में बड़ी गिरावट क्यों नहीं हुईभारतीय बाज़ार में अधिक गिरावट नहीं हुई, क्योंकि रविवार रात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्म्प ने सोशल मीडिया पर कहा कि चीन को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, वे चीन की मदद करेंगे. ट्र्म्प के इस ट्वीट को अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ पर बातचीत की संभावनाओं के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. इसी कारण डाऊ जोंस फ्यूचर में भी तेज़ी आई. इन सभी कारणों से भारतीय बाज़ार में अधिक गिरावट नहीं आई.



बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में डोमेस्टिक इन्वेस्टमेंट थीम के कारण गिरावट नहीं हुई और एफआईआई ने भी इन सेक्टर में खुद को बहुत अच्छी तरह मैनेज किया.



एफआईआई का गेमनिफ्टी में गैप डाउन ओपनिंग रही और उसने 108 अंकों की गिरावट के साथ 25,177 के लेवल पर ओपनिंग दी. निफ्टी का डे लो लेवल 25,152 रहा, लेकिन उसकी क्लोज़िंग रिकवरी के साथ केवल 47 अंकों की गिरावट के बाद 25238 के लेवल पर हुई. दिन में कई मौकों पर बाज़ार को सपोर्ट मिला जिससे बाज़ार में गिरावट नही हुई है. आज बाज़ार में बाउ ऑन डिप्स टेस्ट हुआ जिसमें वह सफल रहा. इसके पीछे एफआईआई हो सकते हैं.



अगर आज बाज़ार में बड़ी गिरावट होती तो यह बहुत स्वाभाविक मूवमेंट हो जाता जिससे रिटेल इन्वेस्टर्स रैली में भाग ले लेते जो स्मार्ट मनी नहीं चाहता, क्योंकि एफआईआई अब बाज़ार में नेट बायर बन रहा है. एफआईआई खुद सेलिंग बटन दबाए तो बात समझ में आती है, लेकिन ऐसा देखा गया है कि जब एफआईआई बाय करते हैं तो वे बाज़ार में होने वाली बिकवाली पर नियंत्रण रखते हैं. जैसा कि सोमवार के बाज़ार में हुआ.



अब भी बाज़ार में बिकवाली का रिस्क बना हुआ है. निफ्टी जब तक 25300 के ऊपर क्लोज़िंग नहीं देता, तब तक बाज़ार में बिकवाली आ सकती है. एफआईआई की एक्टिविटीज़ इस समय बाज़ार में बहुत महत्वपूर्ण है.



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