शेयर मार्केट में तेज़ी का माहौल बना हुआ है और घरेलू और ग्लोबल फैक्टर्स बाज़ार की तेज़ी बनाए रखने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. निफ्टी ने गुरुवार को 26000 के पार जाकर ट्रेड किया था, जिसके बाद बाज़ार में शुक्रवार को हल्की प्रॉफिट बुकिंग आई. 27 अक्टूबर से शुरू हो रहे सप्ताह में बाज़ार में तेज़ी बनी रह सकती है और निफ्टी अपने ऑल टाइम हाई 26277 की ओर जा सकता है. कॉर्पोरेट अर्निंग, इंडिया-यूएस ट्रेड डील, फेड रेट कट की संभावना, एफआईआई की बाइंग जैसे फैक्टर्स इस सप्ताह बाज़ार में हावी रहेंगे.
फेड रेट कट की उम्मीदें जागींअमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े शुक्रवार को जारी हुए जिनमें महंगाई उम्मीद से कम रही, इससे अमेरिकी बाज़ार में तेज़ी रही. 28 अक्टूबर से शुरू होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की उम्मीदें और मज़बूत हो गई हैं. बाजार दिसंबर और जनवरी में और कटौती की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं, जो एक अधिक उदार रुख की ओर संभावित बदलाव का संकेत है.
इंडिया-यूएस ट्रेड डीलभारत-अमेरिका ट्रेड डील की प्रोग्रेस रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत और अमेरिका ट्रेड डील को अंतिम रूप देने के करीब हैं, जिससे निवेशकों का उत्साह बढ़ा है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की इस टिप्पणी ने उत्साह को कम कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत प्रतिबंधात्मक शर्तों वाले समझौतों में जल्दबाजी नहीं करेगा. अगर भारत के पक्ष में ट्रेड डील हुई तो भारतीय निर्यात पर वर्तमान में लगाए गए 50% टैरिफ को कम कर सकता है.
क्रूड ऑइल के डाइनामिक्स बदल रहे हैंरूसी तेल कंपनियों पर अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के नए प्रतिबंधों के बाद क्रूड की कीमतों में 5% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे ग्लोबल स्प्लाय में कमी और बढ़ती महंगाई के जोखिम को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. भारतीय रिफाइनरियाँ प्रतिबंधों का पालन करने के लिए रूसी तेल के आयात में कटौती करने की तैयारी कर रही हैं. इस कदम से अमेरिका के साथ ट्रेड डील आसान हो सकती है.
दूसरी तिमाही की कॉर्पोरेट अर्निंगनिवेशक दूसरी तिमाही के नतीजों पर कड़ी नज़र रखेंगे, जो अब तक उम्मीदों से बेहतर रहे हैं. मझगांव डॉक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के नतीजों की घोषणा के साथ डिफेंस सेक्टर केंद्र में रहेगा, जिसमें सरकारी ऑर्डर और नए कॉन्ट्रैक्ट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 2025 में अब तक 26% की बढ़त के साथ अच्छा पर्फॉर्मेंस देने वाले सेक्टर में से एक बन गया है. पीएनबी हाउसिंग , आईओसी, कोल इंडिया, अडानी पावर, डाबर, डीएलएफ, आईटीसी, मणप्पुरम फाइनेंस, बीएचईएल और एनटीपीसी जैसी बड़ी कंपनियां इस सप्ताह अपने तिमाही नतीजे घोषित करेंगी.
एफआईआई एक्टिविटीज़एफआईआई के रुख में अब बदलाव आने लगा है. महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी निवेशक अब खरीदारी करने के शुरुआती संकेत दे रहे हैं. 24 अक्टूबर, 2025 को एफआईआई 621 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय इक्विटी के नेट बायर्स रहे, जबकि डीआईआई 173 करोड़ रुपये के नेट बायर्स बने रहे. इस साल अब तक एफआईआई ने 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं, जबकि डीआईआई ने 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर खरीदे हैं, जो एफआईआई की बिकवाली के बावजूद भारतीय बाज़ारों के ऊंचाई पर बने रहने का प्र्मुख कारण है.
अब यहां से एफआईआई नेट बायर बन जाते हैं तो भारतीय बाज़ार ऊंचाई छू सकते हैं. निफ्टी ने शुक्रवार को 25795 के लेवल पर क्लोज़िंग दी, जबकि सेंसेक्स 84212 के लेवल पर बंद हुआ.
फेड रेट कट की उम्मीदें जागींअमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े शुक्रवार को जारी हुए जिनमें महंगाई उम्मीद से कम रही, इससे अमेरिकी बाज़ार में तेज़ी रही. 28 अक्टूबर से शुरू होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की उम्मीदें और मज़बूत हो गई हैं. बाजार दिसंबर और जनवरी में और कटौती की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं, जो एक अधिक उदार रुख की ओर संभावित बदलाव का संकेत है.
इंडिया-यूएस ट्रेड डीलभारत-अमेरिका ट्रेड डील की प्रोग्रेस रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत और अमेरिका ट्रेड डील को अंतिम रूप देने के करीब हैं, जिससे निवेशकों का उत्साह बढ़ा है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की इस टिप्पणी ने उत्साह को कम कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत प्रतिबंधात्मक शर्तों वाले समझौतों में जल्दबाजी नहीं करेगा. अगर भारत के पक्ष में ट्रेड डील हुई तो भारतीय निर्यात पर वर्तमान में लगाए गए 50% टैरिफ को कम कर सकता है.
क्रूड ऑइल के डाइनामिक्स बदल रहे हैंरूसी तेल कंपनियों पर अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के नए प्रतिबंधों के बाद क्रूड की कीमतों में 5% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे ग्लोबल स्प्लाय में कमी और बढ़ती महंगाई के जोखिम को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. भारतीय रिफाइनरियाँ प्रतिबंधों का पालन करने के लिए रूसी तेल के आयात में कटौती करने की तैयारी कर रही हैं. इस कदम से अमेरिका के साथ ट्रेड डील आसान हो सकती है.
दूसरी तिमाही की कॉर्पोरेट अर्निंगनिवेशक दूसरी तिमाही के नतीजों पर कड़ी नज़र रखेंगे, जो अब तक उम्मीदों से बेहतर रहे हैं. मझगांव डॉक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के नतीजों की घोषणा के साथ डिफेंस सेक्टर केंद्र में रहेगा, जिसमें सरकारी ऑर्डर और नए कॉन्ट्रैक्ट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 2025 में अब तक 26% की बढ़त के साथ अच्छा पर्फॉर्मेंस देने वाले सेक्टर में से एक बन गया है. पीएनबी हाउसिंग , आईओसी, कोल इंडिया, अडानी पावर, डाबर, डीएलएफ, आईटीसी, मणप्पुरम फाइनेंस, बीएचईएल और एनटीपीसी जैसी बड़ी कंपनियां इस सप्ताह अपने तिमाही नतीजे घोषित करेंगी.
एफआईआई एक्टिविटीज़एफआईआई के रुख में अब बदलाव आने लगा है. महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी निवेशक अब खरीदारी करने के शुरुआती संकेत दे रहे हैं. 24 अक्टूबर, 2025 को एफआईआई 621 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय इक्विटी के नेट बायर्स रहे, जबकि डीआईआई 173 करोड़ रुपये के नेट बायर्स बने रहे. इस साल अब तक एफआईआई ने 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं, जबकि डीआईआई ने 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर खरीदे हैं, जो एफआईआई की बिकवाली के बावजूद भारतीय बाज़ारों के ऊंचाई पर बने रहने का प्र्मुख कारण है.
अब यहां से एफआईआई नेट बायर बन जाते हैं तो भारतीय बाज़ार ऊंचाई छू सकते हैं. निफ्टी ने शुक्रवार को 25795 के लेवल पर क्लोज़िंग दी, जबकि सेंसेक्स 84212 के लेवल पर बंद हुआ.
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